माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है | यह अरावली पर्वत श्रंखला का हिस्सा है और जैन समुदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है | हमने जून के महीने में माउंट आबू की यात्रा का लुफ्त उठाया |
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नक्की झील
नक्की झील माउंट आबू का एक लोकप्रिय स्थल है | इस झील का नाम एक किवंदती के आधार पर पढ़ा है जिसके अनुसार इस झील की खुदाई देवो ने अपने नाखुनो से की थी | यह एक सुन्दर और शांत स्थान है जो की पहाड़ियों से घिरा हुआ है | इसके अलावा आप यहाँ नाव की सवारी का लुफ्त भी उठा सकते है |
दिलवाड़ा जैन मंदिर
दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जिनका भ्रमण पर्यटकों को अवश्य करना चाहिए | यह मंदिर संमरमर की नक्काशियों से बना है और संपूर्ण राजस्थान में सबसे सुन्दर माना जाता है |
यूनिवर्सल पीस हाल
यूनिवर्सल पीस हाल ब्रह्म कुमारी संस्थान द्वारा चलाया जाता है जहाँ ३००० लोगों के बैठने की ववस्था है | एक गाइड ने हमे संस्थान के बारे में संक्षिप्त विवरण भी दिया |
सनसेट पॉइंट
सनसेट पॉइंट नक्की झील के दक्षिण पश्चिम में और माउंट आबू से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | लोग अक्सर ठंडी जलवायु और आसपास के पहाड़ों के सुंदर दृश्य का लुफ्त उठाने के लिए यहाँ आते है | हमारा अनुभव सनसेट पॉइंट पर मनोरंजक और शांतिपूर्ण रहा |
गुरु शिखर
हम सुबह सुबह किराये के मोटर साइकिल पर गुरु शिखर के लिए निकल पढ़े जो की माउंट आबू से 17 किमी. की दूरी पर स्थित है । गुरू दत्तात्रेय मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो इस पर्वत की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान दत्तात्रेय को समर्पित है जो दिव्य त्रिमूर्ति भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अवतार माने जाते हैं। यात्री पहाड़ की चोटी से अरावली क्षेत्र का पूरा दृश्य देख सकते हैं। यहाँ कही प्रकार के खजूर के पेड़ हैं | यह पहाड़ियां अरब फिल्म के सीन की तरह लगते हैं | गुरु शिखर की चढ़ाई थोड़ी मुश्किल अवश्य है परन्तु सीढ़ियां ठीक हालत मैं हैं | सीढ़ियों के दोनों तरफ बच्चे फलों के रस, छाछ और जामुन को बेच रहे थे |
टिप : हमें यहाँ राजस्थानी कठपुतलियों वाली पेंसिलें दिखी जो बेहद खूबसूरत थी और हम इन्हे खरीदे बगैर नहीं रह पाये |
पीस पार्क
हमने एक और ब्रह्म कुमारी स्थल का भ्रमण किया जो की गुरु शिखर के वापसी पर पड़ता है | यह एक सुन्दर पार्क है जिसे अच्छे से बनाया गया है | यहां बहुत से फूल पौधे लगाये गए हैं | उद्यान में एक ऊंचे चबूतरे पर एक विशाल ओम की स्थापना की गयी है | तस्वीरें खीचने के लिए यह एक पसंदीदा स्थान हैं | इस उद्यान में बैठने की व्यवस्था भी है | एक गाइड ने हमे पीस पार्क के बारे में संक्षिप्त विवरण भी दिया |
अचलेश्वर मंदिर
अचलेश्वर मंदिर जैसे ही हमने अपनी मोटर साइकिल पार्क की हमने तीन बड़ी भैंस की मूर्तियां नज़र आई जो एक सूखे हुए तालाब में स्थित थी | ऎसी मान्यता है की यह तीनो तालाब में छुपे अमृत की रक्षा कर रही है | यह मूर्तियां बेहद आकर्षक है और दुनिया की किसी भी आर्ट गैलरी के लिए गर्व का विषय हो सकती है |
इसके बाद हम मंदिर के अंदर गए | यह भी दिलवाड़ा मंदिर की शैली में बना है किन्तु उस से छोटा है | मंदिर के भीतर शिव मूर्ति या शिव लिंग के स्थान पर शिवजी का पैर का अंगूठा है |
बाहर की और एक बहुत बड़ा नंदी बैल और एक पुरुष की चमकती हुई पीतल की बनी हुई प्रतिमा है | ये रौशनी में सोने की तरह चमकती है |
टिप : माउंट आबू में यही एक स्थल है जहाँ पार्किंग के लिए शुलक लिया जाता है | बल्कि हमसे नंदी बैल की फोटो लेने के लिए १० रुपये शुल्क लिया गया जो की बेहद वाजिब था |
अंगूरा कोऑपरेटिव सोसाइटी
अचलेश्वर और माउंट अबु के बीच में हमे एक बाड़ा दिखा जहाँ खरगोशो को उनके रोवां के लिए पाला जाता है| खरगोश के रोवां से ऊन बनाई जाती है जिस से शाल स्कार्फ़ आदि बुने जाते है | हमनें यहाँ हैंडलूम देखा जहाँ बुनकर बेहद मुलायम अंगूरा ऊन को बुन रहे थे | आप यहाँ से यह प्रोडक्ट्स खरीद भी सकते है |
बीकानेर हाउस
बीकानेर हाउस माउंट अबु के परिसर पर स्थित है | यह राजस्थान हवेली की शैली में एक सुन्दर संपत्ति है जो सुन्दर बाग़ बगीचो से घिरा हुआ है | हमने यहाँ स्वादिष्ट मिक्स पकोड़े और चाय का सेवन भी किया |
चाचा म्यूजियम
यह एक बहुत बड़ा स्टोर है जहाँ छोटी मोटी अनेक वस्तुए हैं जैसे शोपीस, जयपुरी रजाईयां, साड़ियां आदि मिलते है | यह बेहद चटक रंग और डिज़ाइन में मिलते है | सांगानेर प्रिंट साड़ी और बाटिक सलवार कमीज़ काफी लोकप्रिय है |
ओढ़ना
राजस्थानी ब्लॉक प्रिंट्स अपने बारीक और खूबसूरत फ्लोरल डिज़ाइन के लिए मशहूर है | यह सूती एवं रेशमी कपड़ो पर किया जाता है | ओढ़ना स्टोर में इस तरह के प्रिंटेड कपडे जैसे टेबल क्लोथ्स, बेड शीट्स आदि की अच्छी रेंज है |
शिकीबो कैफ़े
TripAdvisor.com के अनुसार यह कैफ़े माउंट आबू का सबसे प्रमुख ईटिंग आउट ऑप्शन है | यह एक बाइकर कैफ़े है जो माउंट अबु की सादगी में अलग ही नज़र आता है | कैफ़े का स्टाफ बेहद मिलनसार है पर यहां हमने ऑरेंज कॉफ़ी, हॉट चॉक्लेट और ब्लैक फारेस्ट केक आर्डर किया जो हमे कुछ ख़ास नही लगा | फिर भी यहाँ का शांतिपूर्ण वातावरण हमारे बैठने और ब्लॉग करने के लिए उपयुक्त था |
मलबेरी ट्री रेस्टोरेंट
हमने रविवार का नाश्ता माउंट आबू के मलबेरी ट्री रेस्टोरेंट में किया जो की समस्त रेस्टोरेंट में सबसे अधिक प्रसिद्ध है | हमने यहाँ ऑमलेट, चाय और चिकन सैंडविच का नाश्ता किया |
माउंट आबू संग्रहालय
इस संग्रहालय को दो खंड में विभाजित किया गया है | पहले खंड में दैनिक जीवन से जुड़ी कुछ वस्तुओं को जैसे की कपड़े, गहने और हथियार प्रदर्शनी में लगाये गए है | दूसरे खंड में आसपास के क्षेत्रो के प्राचीन मंदिरों और संरचनाओं का अवशेष है | हमने भगवान शिव, अग्नि, विष्णु, जैन गुरु एवं अप्सराओ की बेहद आकर्षक मूर्तियां देखीं जो आठवी से तेरहवीं शताब्दी के आसपास बनाई गयी थी | हमारे अलावा गैलरी में कोई और दर्शक नहीं था और गैलरी स्टाफ ने हमारे लिए लाइट और पंखे चलाये |
टिप : म्यूजियम पसंद करने वाले दर्शको के लिए यह एक अच्छी जगह है |
अबुर्दा देवी मंदिर
माउंट आबू को मूल रूप से अबुर्दा देवी के नाम पर रखा गया हैं | अबुर्दा देवी मंदिर मांउट आबू के प्रमुख पवित्र दर्शनीय स्थलों में से एक है | हमने अबुर्दा देवी मंदिर का दौरा भी किया जो की नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर स्थित है | मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 20 मिनट का समय लगता है | अबुर्दा देवी को शक्ति के रूपों में एक माना जाता है | इस मंदिर मे एक गुफा बनायीं गयी है | इस बहुत तंग गुफा मे झुक कर जाना पड़ता है और गुफा के अंत मे देवी की आभूषण जड़ित पत्थर से बनी प्रतिमा है |
राजस्थली
यह सरकारी क्राफ्ट स्टोर बेहद निराशाजनक है | इस स्टोर मे हस्तशिल्प की वजाय मशीन से बना साधरण सामान महेंगे दाम पर बेचा जाता है | बहुत सी वस्तुएं पर तो राजस्थली का लेबल भी नहीं था |
टिप : दिल्ली और जयपुर के राजस्थली स्टोर मे इससे अच्छा सामान मिलता है |
किराए की बाइक्स
दुपहिया वाहन माउंट आबू मे घूमने के लिए सबसे उपयुक्त हैं | गुरु शिखर के अलावा सभी स्थान ५ किलोमीटर के भीतर हैं | माउंट आबू की ख़ूबसूरती को बाइक द्वारा अच्छे से अनुभव किया जा सकता हैं | यहाँ हर नुक्कड़ और कोने पर बाइक ३५०-४०० रूपए में उपलब्ध हैं |
दाल बाटी
हमने राजस्थान में दाल बाटी का सेवन भी किया | भोजन खाने में ठीक था और उसमे मिर्ची बहुत थी | हमारे अनुरोध करने पर उन्होंने हमे सफ़ेद गुड़ दिया |
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