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राष्ट्रीय संग्रहालय के बारे में आप किसी भी दिल्लीवासी से पूछो तो वह आपसे कहेंगे की वह स्कूल टाइम के दौरान वहां जाया करते थे। और यह वास्तव में इस गतिविधि के लिए एक उपयुक्त जगह है। हालांकि एक वयस्क भी राष्ट्रीय संग्रहालय को उतना ही पसंद कर सकता है, जितना की एक किशोर।
राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना आजादी के बाद वर्ष 1949 में की गयी थी, यह भारत के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है। यहां तक कि 65 साल के बाद संग्रहालय ने अपनी प्रासंगिकता नहीं खोई।
हाल ही में एक सप्ताह के अंत में हमने संग्रहालय का दौरा किया। हमें महसूस हुआ कि एक दिन इस संग्रहालय को देखने के लिए प्रयाप्त नहीं है।
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इस संग्रहालय को देखने के लिए कम से कम आपको तीन बार अवश्य आना चाहिए।
कुछ साल पहले, जगह की कमी की वजह से संग्रहालय की बहुत सी वस्तुए में प्रदर्शनी में नहीं लगायी गयी थी और इसे काफी पुराना मान लिया गया था । किन्तु वर्ष 2013 में इस संग्रहालय का पूर्णतया रूपांतरण कर दिया गया है । अब संग्रहालय में बेहतर रोशनी की व्यवस्था है, कई नई गैलरी दर्शको के लिए खोल दी गयी है और एक कैफ़े की व्यवस्था भी की गयी है । बीच-बीच में कई जगह लोगो के बैठने के लिए भी इंतज़ाम किया गया है।
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रूपांतरण के दौरान हर गैलरी को अलग रंग की थीम दी गयी है । इससे प्रतयेक युग की गैलरी एक दूसरे से अलग नज़र आती है और दर्शक बोर भी नहीं होते।
प्रतिदिन एक गाइड की देख रेख में संग्रहालय का दौरा ( गाइडेड टूर ) का प्रबंध किया गया है। प्रतयेक गाइडेड टूर 20 मिनट का है और प्रतिदिन दो बार और सप्ताहांत पर चार बार किया जाता है।

हमारे गाइड अनवर हुसैन ने टूर का आरम्भ हड़प्पन गैलरी से किया और इस युग की कुछ महत्वपूर्ण वस्तुएं दिखाई।
उसके पश्चात हमें मौर्य, बुध और जैन युग की गैलरी दिखाई गयी। कुछ अन्य गैलरी के बाद टूर का अंत करते हुए हमने दिल्ली सल्तनत के सिक्के और हथियार एवं युद्ध शस्त्र भी एक गैलरी में दिखाए गए। गाइड द्वारा दी गयी जानकारी रोचक एवं ज्ञानवर्धक थी। डेढ़ घंटा कब बीत गया पता ही नहीं चला । ये गाइडेड टूर इस रूपांतरण की सबसे आकर्षक चीज़ है। संग्रहालय में दो लाख से अधिक वस्तुए रखी गयी है जो पिछले पांच हज़ार सालो की कला एवं संस्कृति की झलक दिखाती है और एक गाइड के बिना इसका अनुभव अधूरा है।
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विदेशी दर्शको के लिए ऑडियो गाइड की व्यवस्था है जो विभिन्न भाषाओं में अनुवादित गाइडेड टूर प्रबंध कराते है।
पांच बजे गैलरी बंद होने का समय हो गया था और जाते जाते हमने आभूषण गैलरी में सोने, चांदी और रत्नो जड़ित आभूषणो को देखा। ये आज के ज़माने के किसी भी ज्वेलरी डिज़ाइनर के लिए प्रेरणा स्त्रोत हो सकता है।

संग्राहलय के प्रवेश पर एवं प्रथम तल पर क्राफ्ट्स स्टोर है जहाँ आकर्षक चांदी के आभूषण, बैग्स और फ्रिज मैगनेट आदि उपलब्ध है। ये थोड़े महंगे अवश्य है किन्तु बेहद आकर्षक गिफ्ट के रूप में खरीदें जा सकते है।
सभी गैलरी वातानुकूलित है और पीने की पानी की भी व्यवस्था है। संग्राहलय केवल सोमवार और सार्वजनिक अवकाश पर बंद रहता है।
यहाँ कई थीम आधारित प्रदर्शनियां भी लगाई जाती है जिनके बारे में अधिक जानकारी संग्राहलय की वेबसाइट http://www.nationalmuseumindia.gov.in से प्राप्त की जा सकती है।
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